MOVIE REVIEW : रणवीर सिंह और आलिया भट्ट अभिनीत ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. इस फिल्म को करण जौहर ने डायरेक्ट किया है आपको बता दे की करण जौहर ने साल 2000 के दशक में पारिवारिक पंजाबी अंदाज में नाच गाने से भरपूर फिल्मों का चलन शुरू किया था. फिर वो बॉलीवुड के सबसे मशहूर निर्माता और निर्देशक बन गए. 90s के दशक से आजकल की फिल्मों के युग तक करण जौहर ने अपनी फिल्मों का एक अन्दाज और ब्रांड स्थापित किया जो आजतक कायम है.
लव स्टोरी के बंगाली रसगुल्ले का पंजाबी स्वाद
एक लंबे समय के बाद वो बतौर निर्देशक लेकर आए हैं रॉकी और रानी की प्रेम कहानी. जिसमें उन्होंने अपने ट्रेडमार्क पंजाबी अन्दाज वाली फिल्म में बंगाली तड़का डालते हुए एक पारिवारिक लव स्टोरी बनाई है. बस नया ये है कि फिल्म में मनोरंजन के वो सारे रस डाले गये हैं जो आजकल के युवाओं को वेब सीरीज और हॉलीवुड की फिल्म से मिलते हैं. मूवी मनोरंजन का अपना वादा पूरा करती है. मूवी कहीं हंसाती है कहीं रुलाती है और साथ साथ संदेश भी देकर जाती है. फिल्म की लंबाई थोड़ी ज्यादा है जो थोड़ा गति को धीमा करती है. लेकिन कुल मिलाकर रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की केमिस्ट्री का कमाल फिल्म की डोर को बांधे रखता है. जानते हैं कैसी है फिल्म…
कहानी
ये दिल्ली के एक पंजाबी मिठाईवाले रॉकी रंधावा और एक पढ़े लिखे बंगाली परिवार की न्यूज एंकर बेटी रानी चटर्जी की लव स्टोरी है. जो दोनों के दादा-दादी की अधूरी मोहब्बत को मुकम्मल करने के साथ पूरी होती है. धर्मेंद्र बने हैं रणवीर सिंह के दादा जी और शबाना आजमी बनी हैं आलिया की दादी. लेकिन इन सबके बीच है रणवीर सिंह की दादी यानी जया बच्चन जो एक कड़क सास और मां है और कोई भी रिश्ता जुड़ने नहीं देतीं. कैसे हालातों में रॉकी और रानी को इनके एक दूसरे से अलग परिवार और परिवेश से जोड़ते है और कैसे होती है इनकी प्रेम कहानी मुकम्मल ये है फिल्म की कहानी.
मुख्य बातें
मूवी में ढेर सारे मजेदार पल हैं लेकिन सबसे खास है बंगाली और पंजाबी परिवार की नोक-झोंक. सबसे खास सीन है रणवीर सिंह और अभिनेता तोता रॉय चौधरी का डोला रे डोला डांस. पहली बार पर्दे पर एक दामाद और एक ससुर डांस की जुगलबंदी करते नजर आएंगे.
इसके अलावा धर्मेंद्र और शबाना आजमी के रोमांटिक पल बहुत ही मजेदार हैं. रणवीर सिंह और आलिया दूसरी बार साथ में आये हैं और दोनों की केमिस्ट्री फिल्म की जान है. मंझे हुए कलाकार जैसे धर्मेंद्र, जया बच्चन और शबाना आजमी ने फिल्म के कैनवस में अपने किरदारों से अलग ही रंग डाला है.
आलिया भट्ट के माता पिता की भूमिका में बांग्ला फिल्मों के कलाकार जैसे चुरनी गांगुली और तोता रॉय चौधरी का काम बेहतरीन है. वहीं पर रणवीर सिंह के माता पिता के किरदार में श्रीति जोग, आमिर भासित और अंजलि आनंद का अभिनय सराहनीय है. करण जौहर ने फिल्म में काफी सारे सामाजिक मुद्दों को उठाया है जो दिल को छूते हैं.
खटकती बातें
आजकल रियलिस्टिक फिल्मों के चलन के बीच ये मूवी किसी वेब सीरीज या टीवी सीरियल के ढांचे में बनी है. कहानी कुछ नई नहीं लेकिन अन्दाज नया है. फिल्म की लंबाई और गाने बीच बीच में फिल्म की गति रोकते हैं.
संगीत
गानों की बात करें तो झुमका, तुम क्या मिले और पुराने गानों का फिल्म में इस्तेमाल इसमें नया स्वाद डालता है .
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