पारस ग्रुप ऑफ फाउंडेशन भाटागांव के द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण
रायपुर। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पारस ग्रुप ऑफ़ फाउंडेशन ने महिलाओं को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया। इसके माध्यम से अब तक हजारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, इस साल भी पारस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन भाटागांव के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को 30 दिनों का निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण 27 अप्रैल तक दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप के शैली राई (प्रेसिडेंट थर्ड जेंडर), प्रतिमा कोशले ( साइबर हेल्प लाइन), पायल नाग रानी, हरदीप कौर, भावना, सगुप्ता , कविता सिंग, और संस्थान की डायरेक्टर कविता कुम्भज मौजूद रही। साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके सभी बच्चों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
विश्व महिला दिवस के अवसर पर पारस ग्रुप ऑफ़ फाउंडेशन ने महिलाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण का अवसर प्रदान किया। यह पहल केवल महिलाओं के लिए नहीं थी, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को सुदृढ़ करने के लिए थी। प्रोग्राम के माध्यम से महिलाओं को नवीनतम तकनीकी ज्ञान और कंप्यूटर कौशल मिला। इसके साथ ही उन्होंने व्यावसायिक योग्यता और रोजगार के अवसरों के साथ संवेदनशीलता और आत्मविश्वास में भी सुधार किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की आरंभिक चरण में महिलाओं ने बुनियादी कंप्यूटर अवधारणाओं से लेकर विभिन्न सॉफ्टवेयरों और इंटरनेट के उपयोग तक का सीखा। उन्हें पाठ्यक्रम में धीमा और स्टेडी प्रोग्रेसिव कंप्यूटर साइंस के मौलिक अवधारणाओं से लेकर एक्सपर्ट लेवल तक की शिक्षा मिली।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ना सिर्फ कंप्यूटर संबंधित कौशलों को बढ़ावा देना था, बल्कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने और उन्हें अपने करियर की दिशा में एक स्थायी प्रगति के लिए उन्नत करना भी था। इस प्रकार, उन्हें समाज में उनके स्थान को मजबूत करने के लिए नई उम्मीदें और अवसर प्राप्त हुए।
महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए, ऐसे प्रोग्राम न केवल उन्हें सक्षम बनाते हैं, बल्कि समाज को भी उनकी योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने में मदद करते हैं।
इस सफल पहल के पीछे का मुख्य उद्देश्य था कि हर महिला को एक अवसर मिलना चाहिए तकनीकी ज्ञान और कौशलों को सीखने का, जिससे वह स्वतंत्र रूप से अपने लिए रोजगार के अवसरों में उत्तरदायी बन सके।
इस प्रकार पारस ग्रुप ऑफ़ फाउंडेशन ने महिलाओं के उत्थान और समाज में उनकी स्थिति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समाज के समूह के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।