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आचार संहिता लगने से पहले सीएम साय के पांच बड़े फैसले, अधिकारी-कर्मचारियों से लेकर पत्रकारों के लिए बड़ी खुशखबरी

रायपुर, 15 मार्च 2024 : लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पांच बड़े फैसले लिए हैं। इनमें अधिकारी-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान पर चार प्रतिशत का महंगाई भत्ता बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया गया है। इसका लाभ पेंशनरों को भी मिलेगा। महंगाई भत्ते की यह राशि एक मार्च 2024 की तिथि से मिलेगी। राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर्स की अंतिम किस्त की राशि का भुगतान भी होगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई है जो कर्मचारियों की समस्याओं के संबंध में समीक्षा करेगी और इनके निराकरण से संबंधी सुझाव शासन को प्रस्तुत करेगी। ग्राम पंचायत सचिवों को भी राहत देते हुए उनके 55 दिनों की हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। अर्जित अवकाश में यह हड़ताल अवधि समायोजित होगी। इन निर्णयों से होली के त्यौहार में कर्मचारियों के परिवारों में खुशियों के और भी रंग भर जाएंगे।

अब महंगाई भत्ता हुआ 46 प्रतिशत
मुख्यमंत्री साय ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित प्रेस वार्ता में ने बताया कि राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान में चार प्रतिशत महंगाई भत्ते में और पेंशनरों के महंगाई राहत में चार प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। यह महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत एक मार्च 2024 से दिया जाएगा। इसके फलस्वरूप महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दर सातवें वेतनमान में 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत और छठवें वेतनमान में यह 230 प्रतिशत हो जाएगी। इस निर्णय से राज्य के तीन लाख 90 हजार कर्मी और एक लाख 20 हजार पेंशनर लाभान्वित होंगे। इस निर्णय से राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को प्रतिमाह 68 करोड़ रुपये तथा साल में 816 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त होगा।

एरियर्स की अंतिम किस्त भी मिलेगी
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अधिकारियों-कर्मचारियों की सातवें वेतनमान के एरियर्स की अंतिम किश्त प्रदान करने की घोषणा भी की। साथ ही ग्राम पंचायत सचिवों को भी राहत दी। ग्राम पंचायत सचिव पिछले साल 16 मार्च 2023 से 9 मई 2023 तक कुल 55 दिन हड़ताल पर थे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिवों की हड़ताल अवधि को उनके अर्जित अवकाश में समायोजित करते हुए उन्हें 55 दिनों का वेतन भुगतान किया जाएगा। इस निर्णय से राज्य शासन पर 70 करोड़ रुपये का व्यय-भार आएगा।

कर्मचारियों की समस्याओं पर बनी समिति
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कर्मचारी भाईयों ने बहुत सी मांगों और समस्याओं के संबंध में अपनी बातें हमसे साझा की हैं। हम उनकी समस्याओं का पूरी संवेदनशीलता से समाधान करेंगे। उन्होंने बताया कि इन समस्याओं के हल के लिए प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारीक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई है। समिति विभिन्न कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर शासन को कर्मचारी हित में उचित सुझाव देगी। इस समिति में अध्यक्ष के अलावा प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव वित्त सदस्य होंगे और सचिव सामान्य प्रशासन विभाग (शासकीय कर्मचारी कल्याण शाखा) सदस्य सचिव होंगे।

पत्रकारों को न्याय दिलाने के लिए कमेटी
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पत्रकारों और मीडियाजगत से जुड़े बंधुओं के खिलाफ उत्पीड़न की अनेक शिकायतें सामने आईं थीं। इस संबंध में हम गृह सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने की घोषणा करते हैं। इस कमेटी में पत्रकारों समेत अन्य सदस्यों को भी नियुक्त किया जाएगा।

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