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विशेषज्ञों ने बताया सर्वाइकल कैंसर का कारण, जानिए यहां

नई दिल्ली, 5 फरवरी 2024ः भारत सरकार के अंतरिम बजट 2024 में 9 से 14 वर्ष की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर के मुफ्त टीकाकरण की घोषणा हुई । यह बीमारी, जिसे अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, शुरुआत में कोई बड़े लक्षण नहीं दिखाती है।

सर्वाइकल कैंसर के कारण
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में स्त्री रोग ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जन और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पाखी अग्रवाल ने एक खास बातचीत में इस बीमारी के कारण के बारे में बताया कि सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशयग्रीवा (cervix या cervix of uterus) में शुरू होता है। बच्चेदानी का मुंह जिसे सर्विक्स कहते हैं, वहां पर होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। यौन संबंध के जरिए ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) वायरस किसी व्यक्ति के शरीर में दाखिल हो जाता है और इस कैंसर का कारण बनता है. अगर समय रहते इसकी जांच हो जाए तो इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।

ये वायरस है दोषी

उन्होंने आगे कहा कि यह मुख्य रूप से उच्च जोखिम वाले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के लगातार संक्रमण के कारण होता है. महिला के गर्भाशयग्रीवा में सर्वाइकल कैंसर असामान्य रूप से विकसित होता है।

उच्च जोखिम वाले प्रकार के मानव पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के साथ लंबे समय तक चलने वाला (लगातार) संक्रमण लगभग सभी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बनता है. दो उच्च जोखिम वाले प्रकार, एचपीवी 16 और एचपीवी 18, दुनिया भर में 70% सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं. यौन रूप से सक्रिय लगभग सभी लोगों में अपने जीवन में किसी न किसी समय एचपीवी से संक्रमित होने का खतरा रहता है।

आमतौर पर इसके होने की वजह कम उम्र में कई लोगों के साथ सेक्शुअल रिलेशनशिप बनाना हो सकता है. नियमित जांच, जैसे पैप स्मीयर या एचपीवी परीक्षण गर्भाशय ग्रीवा की असामान्यताओं और कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए जरूरी है।

GLOBOCAN 2020 के अनुसार, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने भारत में 123,907 नए सर्वाइकल कैंसर के मामलों और 77,348 मौतों का अनुमान लगाया है. पैप स्मीयर या एचपीवी परीक्षणों के साथ नियमित जांच से कैंसर का पता लगाया जा सकता है, जिससे कैंसर की रोकथाम संभव हो सकती है.

वैक्सीन कब लगवाएं

पाखी अग्रवाल ने बताया, ”इससे बचने के लिए 9 से 26 साल की उम्र तक वैक्सीन करा लेनी चाहिए. बेहतर है कि यौन संबंध बनने से पहले वैक्सीन लग जाए. इसके अलावा 45 साल की महिलाएं भी ये वैक्सीन लगवा सकती हैं लेकिन बेहतर रहेगा कि पहले वो जांच भी करवा लें. इससे ज्यादा सुरक्षा मिलती है. ”

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
पीरियड्स के बाद असामान्य रक्तस्राव (स्पॉटिंग)
-संभोग के बाद रक्तस्राव होना
-मासिक धर्म में रक्तस्राव जो लंबे समय तक रहता है या सामान्य से अधिक भारी होता है
-मेनापॉज के बाद रक्तस्राव
-पेल्विस या पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द रहना
-पेशाब करते समय दर्द
-वजन का अत्यधिक बढ़ना
-लगातार थकान और ऊर्जा की कमी
-पेट में दिक्कतें जैसे कब्ज या दस्त
-लगातार थकान और ऊर्जा की कमी

इस बीमारी से ऐसे होगा बचाव
एचपीवी का टीकाकरण और नियमित जांच इस बीमारी से बचा सकता है. सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने करने के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है. प्रारंभिक चरण में इस रोग का पता लगाकर मरीज की जान बचाई जा सकती है. जोखिम कारकों और लक्षणों को समझने के लिए लोगों में जागरूकता होना जरूरी है.

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