बासी भात खाना सेहत के लिए लाभदायक होता है। हालांकि, देश के कई हिस्सों में गर्मियों की शुरुआत में बासी चावलों को खाने की परंपरा जरूर है। यह एक तरह का रिवाज है, जिसका भारत के लोग हिंदू नव वर्ष या विक्रम संवत के दौरान पालन करते हैं, जिसे देश भर में कई नामों से जाना जाता है। आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मार्च के अंत से अप्रैल की शुरुआत के बीच पड़ने वाला यह त्योहार नई शुरुआत और रिश्तों के नवीनीकरण का प्रतीक है।
बासी चावल खाने के फायदे
इसमें कोई शक नहीं कि बासी भात ज़बान और पेट दोनों को सुकून पहुंचाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि बासी भात यानी चावल खाने से पाचन बेहतर होता है और शरीर को अपना तापमान कंट्रोल करने में मदद भी मिलती है। मीठे चावल जिन्हें बसोदा कहा जाता है, इन्हें छोड़ दिया जाए, तो बाकि सभी को रातभर के लिए फर्मेंट होने के लिए छोड़ा जाता है। जिससे यह चावल खनिज पदार्थों से भरपूर हो जाते हैं, जिसका फायदा स्किन को भी मिलता है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि बासी चावलों को खाने से कब्ज में भी राहत मिलती है और यह आंत के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन होते हैं।
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