रायपुर : छत्तीसगढ़ के कई जिलों में डेंगू तेजी से अपना पैर पसार रहा है, इनमे रायपुर के बाद दुर्ग और बिलासपुर व रायगढ़ जैसे शहर भी शामिल है. अलर्ट जारी करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। हालत ये है कि प्रदेश भर में अब तक 800 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल चुके हैं।
डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम हर साल 10 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करते हैं। इसके बाद भी मच्छरों से निजात नहीं मिल पा रही है।
दरअसल, बारिश के मौसम में डेंगू और मलेरिया के मरीज ज्यादा मिलते हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जुलाई से लेकर नवंबर तक डेंगू के मरीज मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। यही वजह है कि रायपुर के साथ ही दुर्ग, रायगढ़ और बिलासपुर में डेंगू जमकर पनप रहा है।
बीते महीने 200 से ज्यादा डेंगू के केस मिले थे। वहीं, दो लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया था। डेंगू से निपटने के लिए अस्पतालों में दवाओं की व्यवस्था और संवेदनशील इलाकों में कैंप लगाने के निर्देश दिए गए थे।
नगर निगमों को डेंगू के लार्वा खत्म करने और जलजमाव जैसी समस्या को दूर करने के लिए भी कहा गया था। वहीं, वार्डों में डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की पहचान के लिए सर्वे अभियान भी चलाने के निर्देश थे।
सफाई व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम बेहतर साफ-सफाई का दावा करते हैं। लेकिन, ऐसा लगता है कि नालियों में बरसाती पानी का जमाव और मच्छरों के लार्वा को नियंत्रित करने का काम सिर्फ कागजों पर चल रहा है।
वार्डों में दवाओं का छिड़काव नहीं
बिलासपुर नगर निगम की ओर से हर साल मच्छरों के उन्मूलन पर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने का दावा किया जाता है। वार्डों को मच्छरमुक्त बनाने के लिए सभी जोन में फॉगिंग मशीन से दवाओं के छिड़काव का दावा किया जा रहा है। लेकिन, नालियों में जल जमाव और मच्छरों पर कोई असर नहीं दिखता।
रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में बढ़ रहे मरीज
रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले दो महीने में 200 मरीज आए हैं। वर्तमान में मेडिसिन विभाग के साथ ही दूसरे विभागों में भी मरीज भर्ती हैं। डाक्टरों का कहना है कि पिछले दस दिन से रोजाना सात से आठ मरीज आ रहे हैं। जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में भी डेंगू पीड़ित मरीज भर्ती हैं।
रायगढ़ जिला अस्पताल में 32 बेड का आइसोलेशन वार्ड
रायगढ़ में डेंगू के 400 मरीज मिलने के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। जिला प्रशासन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। यहां डेंगू मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 32 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
डोर-टू-डोर सर्वे
नगर निगम के 48 वार्डों में 750 कर्मचारियों को डेंगू से निपटने के लिए मैदान में उतारा गया है, ये कर्मचारी कंट्रोल रूम बनाकर डोर-टू-डोर सर्वे कर रहे हैं। इसके साथ ही नगर निगम ने सफाई के लिए 400 कर्मचारियों को तैनात करने का दावा किया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू सर्वे के लिए 180 मितानिन, 160 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 13 एएनएम और 42 सुपरवाइजर की अलग से ड्यूटी लगाई है।
बिलासपुर में अब तक 69 मरीज मिले
बिलासपुर जिले में डेंगू ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ रहा है। हालत ये है कि यहां मलेरिया के सात तो डेंगू के 69 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि संवेदनशील इलाकों में लगातार सर्वे चल रहा है। लेकिन, न तो वार्डों में साफ-सफाई है और न ही मच्छरों का लार्वा कम करने के लिए कोई इंतजाम हैं।
दुर्ग जिले में भी रोजाना मिल रहे मरीज
दुर्ग जिले में सबसे ज्यादा भिलाई नगर निगम क्षेत्र प्रभावित है। इसके बाद दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। भिलाई नगर निगम क्षेत्र से सेक्टर-एक, सेक्टर-दो, सेक्टर-4, मरोदा, बजरंग पारा, भिलाई-3 और दुर्ग को मिलकर 13 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं।
वार्डों में सर्वे और पानी टंकियों की सफाई
दुर्ग जिले में अब तक 83 हजार 990 घरों की जांच की जा चुकी है। जांच किए कूलर, पानी टंकी और दूसरे कंटेनर की संख्या 1 लाख 26 हजार 981 है। इनमें से 36 हजार 765 खाली कराए गए। सभी कंटेनरों में 73 हजार 67 जगहों पर लार्वा नष्टीकरण का दावा किया गया है। ग्रामीण स्तर पर भी डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए लगातार जानकारी दी जा रही है।
महामारी नियंत्रक बोले- सभी जिलों को किया गया है अलर्ट
महामारी नियंत्रण संचालक डॉ सुभाष मिश्रा ने बताया कि डेंगू पीड़ितों के इलाज के लिए अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमों को मरीजों की पहचान के लिए सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। जिन जगहों पर मरीज मिल रहे हैं, वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सर्वे करने के लिए पहुंच रही है।
डेंगू से बचाव के उपाय
- एक दिन से ज्यादा पानी स्टोर न होने दें।
- पानी के हर बरतन को ढक कर रखें।
- कूलर, नारियल के खोल, नालियों में लंबे समय तक पानी जमा न होने दें।
- आसपास खुले में पानी स्टोर न होने दें।
- मच्छरदानी जरूर लगाएं।
- फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
- निकायों से मिलने वाला केमिकल कूलर में डालें।
- इम्यूनिटी अच्छी करने पौष्टिक आहार लें।
- तेज बुखार आए तो डेंगू की जांच कराएं।