रायपुर : प्रदेश भर में शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के जे एन पांडे स्कूल पहुंचकर बच्चों को तिलक लगाकर, हार पहनाकर और मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को ड्रेस, पुस्तकें और स्कूल बैग का भी वितरण किया। साथ ही बालवाड़ी योजना के दूसरे चरण में वर्चुअल रूप से 4 हजार 3 सौ 18 बालवाड़ियों का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्राचार्यों और अभिभावकों को नये शिक्षा सत्र के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि यही बच्चे हमारा भविष्य हैं और इन बच्चों को शिक्षा का उचित वातावरण देना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि इनका पढ़ाई में मन लगा रहे।
इस अवसर पर सीएम बघेल ने ऐतिहासिक जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत करते हुए कहा कि शिक्षा के मंदिरों को सुदृढ़ और सुंदर बनाने के लिए हर तरह का संभव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों के जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए बजट में 12 सौ करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई थी। इस राशि से वर्तमान में 23 हजार स्कूलों में काम चल रहा है। उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा की बच्चों को शिक्षा के साथ खेलकूद और अनुशासन पर भी ध्यान देना है। छात्र जीवन में ही समय की कीमत समझनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है और इस मंदिर को भी हमेशा साफ सुथरा रहना चाहिए। स्वामी आत्मानंद स्कूलों के खुलने से राज्य में शिक्षा के प्रति फिर से रूझान बढ़ा है और वर्तमान में हर वर्ग के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। बघेल ने जे एन पांडे स्कूल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यहां से 4 मुख्यमंत्री और एक उप राष्ट्रपति मिले है, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है और आगे भी यहाँ से इस तरह के होनहार छात्र निकलकर छत्तीसगढ़ और स्कूल का नाम रौशन करेंगे।
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