नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म पर लगे बैन को लेकर फिल्म निर्माताओं द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की गई. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने फ़िल्म निर्माता की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी करते हुए सवाल पूछा कि अगर फिल्म दूसरे राज्यों में शांति से चल सकती है, तो पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं चल सकती है?
इसके अलावा सीजेआई ने सवाल किया कि पश्चिम बंगाल सरकार फिल्म आखिर क्यों नहीं चलने देना चाहती है? जबकि दूसरे राज्यों में, जहां भौगोलिक परिस्थिति वैसी ही है, वहां शांति से चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगर लोग नहीं देखना चाहते तो ये उनकी मर्जी है. लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार रोक क्यों लगाई है. साथ ही सीजेआई ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 17 मई तय की है.
सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि कई इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक मूवी की वजह से कानून व्यवस्था खराब हो सकती है. साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि इस मामले में फ़िल्म निर्माता को हाई कोर्ट जाना चाहिए. बता दें कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ बीते 5 मई को रिलीज हुई थी.
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म से घृणा और माहौल खराब होने की आशंका के चलते राज्य में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने भी फिल्म पर रोक लगा दी है. बता दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है. वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा था कि फिल द केरल स्टोरी को लोगों को अपनी बेटियों के साथ बैठकर देखनी चाहिए.
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