रायपुर, 1 जून 2023 : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को अब कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ कांग्रेस और 15 सालों तक सत्ता में रह चुकी भाजपा दोनों ही पार्टी अपनी जीत का दावा कर रही है। वहीं अब राजनीतिक पार्टियों में नेताओं के दल बदलने और नए सदस्यों के जुड़ने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इसी बीच अब छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों से एक और बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के तीन स्वनामधन्य लोग राजनीति में एंट्री कर सकते हैं। सबसे खास बात ये कि तीनों भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले हैं। हालांकि अभी तक इसका ऐलान नहीं हुआ है।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि छत्तीसगढ़ के ख्याति प्राप्त पंथी नर्तक पद्मश्री से सम्मानित डॉ. राधेश्याम बारले, छत्तीसगढ़ी सिनेमा के मशहूर अभिनेता पद्मश्री अनुज शर्मा और हाल ही में आईएएस की नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले नीलकंठ टेकाम भाजपा में शामिल हो सकते हैं। गुरूवार को ये तीनों पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। इन तीनों नेताओं के स्वागत के लिए भाजपा में तैयारियां भी शुरू हो गई है।
तीनों को चुनावी मैदान में उतार सकती है बीजेपी
आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन तीनों दिग्गजों के आने से भाजपा को बड़ा फायदा होने वाला है। कहा जा रहा है कि पार्टी इन तीनों लोगों को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बना सकती है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा पद्मश्री अनुज शर्मा को आने वाले विधानसभा चुनाव में बलौदाबाजार सीट से उतार सकती है। वर्तमान में यहां से जोगी कांग्रेस से प्रमोद शर्मा विधायक है। 2018 और 2013 में पार्टी को भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था। 2018 में कमल यहां तीसरे नंबर पर आ गई थी। बीजेपी उम्मीदवार तेसु धुरेंधर को महज 48808 मिले थे। भाजपा इस सीट को हर हाल में जीतना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी अभिनेता पद्मश्री अनुज शर्मा को चुनावी मैदान पर भेजना चाहती है। अनुज शर्मा बलौदाबाजार जिले के ही रहने वाले है और अभिनेता होने की वजह से उनकी लोकप्रियता भी है।
नीलकंठ टेकाम को केशकाल तो राधेश्याम बारले को दुर्ग से मौका?
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन देने के बाद से आईएएस अफसर नीलकंठ टेकाम के राजनीति में आने की खूब चर्चा हो रही थी। अब यदि वे भाजपा में शामिल होते हैं तो पार्टी उन्हें केशकाल से चुनावी मैदान पर भेज सकती है। राज्य गठन के बाद हुए विधानसभा चुनाव के आकड़ों को देखें तो यहां तीन बार भाजपा और दो बार कांग्रेस जीती है। पिछले दो बार से यहां कांग्रेस का ही कब्जा है। विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम यहीं से विधायक है। संतराम नेताम का जनाधार केशकाल विधानसभा में अच्छा है। तेजतर्रार नेता के रूप में पहचाने जाने वाले संतराम नेताम के खिलाफ भाजपा नीलकंठ टेकाम को उतारकर चुनौती देने की कोशिश करेगी। क्योंकि नीलकंठ टेकाम भी छवि भी अच्छी है। कई जिलों के कलेक्टर भी रहे है। ऐसे में भाजपा नीलकंठ टेकाम पर पासा फेंक कांग्रेस को चुनौती देने की कोशिश करेगी।
वहीं डॉ. राधेश्याम बारले की बात की जाए तो वे दुर्ग जिले के पाटन इलाके के रहने वाले हैं। एम.बी.बी.एस. के पढ़ाई करने वाले डॉ. बारले के भाजपा में शामिल होने की खबरों के बीच अब ये भी कहा जा रहा है कि उन्हें भाजपा दुर्ग जिले के ही किसी सीट से चुनाव लड़ा सकती है। चूकिं दुर्ग जिले की 6 विधानसभा सीटों में से अभी भाजपा के पास यहां केवल एक सीट है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि डॉ. राधेश्याम बारले को किसी एक सीट से चुनावी मैदान पर उतारा जा सकता है।
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